थैलोफाइटा(thallophyta)
यह पादप जगत का सबसे बड़ा ग्रुप है इन पौधों के शरीर के सभी घटक पूर्णरूपेण विभेदित नहीं होते हैं अर्थात इनकी संरचना मोड़ना तथा पतियों में विभाजित नहीं होती है इस वर्ग के पौधे को सामान्यता सवाल कहा जाता है यह मुख्यता जलीय पादप होते हैं
जैसे: यूलोथ्रिक, स्पायरोगायरा, कारा इत्यादि
ब्रायोफाइटा(Bryophyta)
इस वर्ग सभी पादपों में जल एवं अन्य चीजों का शरीर के एक भाग से दूसरे भाग में संवहन के लिए विशिष्ट संवहन उत्तक नहीं पाए जाते हैं यह पादप चना और पत्ते जैसी संरचना में विभाजित होती है इस वर्ग के पौधे को पादप वर्ग का विवेचन भी कहते हैं
उदाहरण के लिए: मास ( फेयुनेरिय) , मार्केसिया यादि।
टेरिडोफाइटा(Pteridophyta)
इन पौधों का शरीर जड़ तना तथा पतियों में विभाजित होती है इसमें संवहन उत्तक भी उपस्थित होते हैं उदाहरण फर्न, मार्सिलिया, हार्सटेल,इत्यादि उपयुक्त तीनों वर्गों के पादप में जनांग प्रत्यक्ष होते हैं तथा इसमें बीज उत्पन्न करने की क्षमता नहीं होती हैै।
जिम्नोस्पर्म(Gymnosperm)
यह नग्न बीजी पौधे होते हैं अर्थात इनके बीच फलों के अंदर नहीं होते हैं यह पौधे बहुवर्षीय , सदाबहार तथा कष्ठिए होते हैं जैसे पाइनस तथा साइकस
एंजियोस्पर्म(Angiosperm)
इन पौधे के बीज फलों के अंदर बंद रहते हैं इनके बीजों का विकास अंडाशय के अंदर होता है जो बाद में फल बन जाते हैं इन्हें पुष्पी पादप भी कहा जाता है बीज पत्रों की संख्या के आधार पर एंजियोस्पर्म वर्ग को दो भागों में बांटा जा सकता है एक बीजपत्री जिनमें एक बीजपत्र होते हैं तथा द्विबीजपत्री जिनमें दो बीजपत्र होते हैं
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