नाइट्रोजन चक्र( nitrogen )
वायुमंडल में मौजूद नाइट्रोजन तथा ऑक्सीजन परस्पर जोड़कर नाइट्रोजन के ऑक्साइड बनाते हैं ।
फैक्ट्री में वाहनों में दहन क्रिया के फल स्वरुप भी नाइट्रोजन के ऑक्साइड निर्मित होते हैं यह ऑक्साइड वर्षा जल के साथ मिलकर नाइट्रिक अम्ल बनाते हैं।
यह नाइट्रेट में परिवर्तित हो जाते हैं पौधे इसी नाइट्रेट को ग्रहण कर इसे प्रोटीन में परिवर्तित कर देते हैं जब जंतु इन पौधे को खाते हैं या इन पौधों को खाने वाले जंतुओं को मार कर खाते हैं।
तो यह प्रोटीन उनके शरीर में चला जाता है जब पौधे या जंतु मरते हैं तो प्रोटीन टूटकर अमोनिया में बदल जाता है यह प्रक्रिया को अमोनीकरण कहलाता है नाइट्रोजन जीवाणु (nirtifying bacteriya) अमोनिया को नाइट्रेट में बदल देते हैं या प्रक्रिया नाइट्रिकरन कहलाता है यह नाइट्रेट या तो ह्यूमस उमस में संग्रहित हो जाते हैं या जल द्वारा बहा दिए जाते है।
कभी-कभी डेनिट्रीफाइंग बैक्टेरिया के द्वारा नाइट्रोजन गैस के रूप में पुनः वापस चलाता है यह प्रक्रिया अनाइट्रिकरन कहलाता है ।
नाइट्रोजन का वायुमंडल से मृदा पौधे तथा जंतु में परिवहन की संपूर्ण प्रक्रिया को नाइट्रोजन चक्र कहते हैं।
0 Comments